Sunday, March 17, 2013

योग्यता की परीक्षा

एक राजा था। उसका नाम विक्रम सिंह था। वो अपनी प्रजा का बहुत ख्याल रखता था । उसके राज्य में चारों तरफ खुशहाली थी। उस राजा का एक बहुत होनहार बेटा था। राजकुमार का नाम था वीरेन्द्र विक्रम सिंह। राजकुमार पड़ोस देश की राजकुमारी निहारिका से प्यार करता था। जब राजा विक्रम सिंह को इस बात का पता चला तो राजा ने राजकुमार से कहा की 'जा के पड़ोस देश के राजा निहाल सिंह से उसकी बेटी का हाथ मांगो।
राजकमार अपने माता पिता का आशीर्वाद ले कर पड़ोस देश को चल पड़ा। वहां पहुँच कर राजकुमार ने निहाल सिंह से बात करी। निहाल सिंह ने कहा "बेटा मै जनता हूँ की तुम्हारे पिताजी कितने प्रतापी राजा हैं। लेकिन तुमको भी अपने आप को साबित करना होगा। राजकुमार ने कहा "मै आपकी बेटी से विवाह करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। आप शर्त बोलिए।
निहार सिंह ने कहा "एक राजा को युद्ध करना आना चाहिए। तुम मेरे 4 सिपाहियों से अकेले लड़ो और जीत के दिखाओ "
राजकुमार बोला " मै  अपने स्वयं के स्वार्थ के लिए आपके 4 सिपाहियों की जान लेना उचित नहीं समझता हूँ। यदि कोई और परीक्षा आप लेना चाहें तो अवश्य ले सकते हैं।
राजा को ये सुन कर बड़ा आश्चर्य हुआ। राजा ने अपने मंत्री से कहा, "मैंने अपने जीवन में बहुत सारे राजाओं को देखा है जो अपनी प्रेमिका को पाने के लिए बड़े बड़े युद्ध करते हैं, और उसमे सैकड़ों निर्दोष सिपाहियों की जान भी जाती है। लेकिन पहली बार ऐसा राजकुमार देखा जिसने खुद से पहले अपने सिपाहियों के बारे में सोचा।
राजा ने कहा,"जो निडर हो कर अपनी प्रजा की रक्षा कर सके वो ही असली राजा होता है। क्या तुम एक रात जंगल में अकेले गुजार सकते होअगर तुमने ऐसा कर दिखाया तो मै मानूंगा कि तुम एक निडर इंसान हो?
राजुकमार ने ख़ुशी ख़ुशी शर्त स्वीकार कर ली और जंगल की तरफ चल दिया। दिन भर राजकुमार जंगल में टहल कर सूखी घास और लकड़ियाँ इकठ्ठा करता रहा, और जब रात हुयी तो उसने उन सूखी लकड़ियों को जला कर उजाला किया जिससे कोई जंगली जानवर पास ना आये। जब रात ज्यादा हो गयी तो राजकुमार ने सूखी घास से रस्सी बनायीं और रस्सी की सहायता से पेड़ पे बिस्तर बांधा और उस पर सो गया।
अगले दिन सुबह वो राजा के पास गया। राजा बहुत खुश हुआ। राजा ने कहा कि तुम  सिर्फ निडर हो बल्कि एक चतुर इंसान भी हो। यदि तुमने आखिरी परीक्षा पार कर ली तो मै तुम दोनों के विवाह के लिए सहमत हो जाऊंगा। 
राजा ने राजकुमार से कहा, "एक राजा को बलशाली होना चाहिए" क्या तुम अपने बलशाली होने का प्रमाण दे सकते हो?
राजकुमार बोल, "अवश्य दूंगा। मुझे एक रात का समय दीजियेकल सुबह आपको प्रमाण मिल जायेगा।"  
राजकुमार शाम  होते ही पास के एक गाँव में गया और उस गाँव के सबसे गरीब किसान के घर गया। राजकुमार ने उस किसान से उसका हल माँगा। किसान ने राजकुमार को अपने बैल और हल दे दिए। राजकुमार ने बैलों को हल से अलग किया और हल को ले के उसके खेत चला गया। वहां पे रात भर में  राजकुमार ने गरीब किसान का खेत जोत दिया और खेतों में सिचाई भी कर दी।
सुबह जब राजा को इस बात का पता चला तो उसके हर्ष को सीमा रही। राजा ने कहा कि मैंने आज तक इतना नेक, बहादुर और प्रजा का ख्याल करने वाला राजकुमार नहीं देखा। तुम अवश्य ही राजकुमारी से विवाह के योग्य हो। जाओ, और अपने पिता श्री विक्रम सिंह से कहो को अगले महीने की 15 तारिख को वो गाजे-बाजे के साथ तुम्हारी बारात ले कर आयें।
राजकुमार ख़ुशी ख़ुशी अपने राज्य वापस चला गया और अगले महीने उसकी शादी राजकुमारी निहारिका के साथ धूम धाम से हुयी।